एक लड़की के IAS बनने का कठिन सफ़र की कहानी जो आपके सोचने का नज़रिया बदल देगी।
5 मिनट का समय निकालकर पढ़िएगा जरुर आपके सोचने का नजरिया बदल जाएगा......
गली के कोने पर चाय की दुकान अड्डा थी चौधरी जी एवं खान चाचा की राजनीतिक एवं धार्मिक चर्चा की .जहाँ दोनों दिन भर के काम से थके हारे अपना अनुभव साझा करते थे और थोड़ी हंसी मजाक के बाद घर लौट जाते थे ! चौधरी जी जहाँ लोक निर्माण विभाग में इंजीनियर थे वही खान चाचा इण्टर कॉलेज में प्राध्यापक ! दोनों रोज की तरह ही चर्चा में लगे हुए थे तभी अचानक खान चाचा ने चौधरी जी का ध्यान खींचते हुए कहा चौधरी जी ये तो अपना सुमित है ना ? चौधरी जी ने नजर दौड़ाई तो उनका बेटा सुमित किसी लड़की के साथ बाइक पर तेजी से चला जा रहा था और वह लड़की भी इतनी अभद्र अवस्था में बैठी हुई थी कि चौधरी जी को भी शर्म आ गयी ! लेकिन अगले ही पल अपनी झेंप को मिटाते हुए चौधरी जी ने कटाक्ष किया कि चाचा …चौधरियों का खून है .. गर्म तो होगा ही और ये उम्र भी ऐसी होती ही है ..इस बात पर दोनों ठहाके लगाकर हंस पड़े ….पर कुछ देर बाद सामने से ही चौधरी जी की बेटी किसी लड़के के साथ बाइक पर घर की तरफ जा रही थी हालाँकि यह बहुत ही सभ्य अवस्था में बैठी थी ..पर थी तो लड़की न ? .. चाचा ने व्यंग्य भरी निगाहों से चौधरी जी की तरफ देखा और चौधरी जी इस बार चुप रहे ! ..जल्दी ही दोनों ने चाय ख़त्म की और चौधरी जी घर की ओर तेजी से चल पड़े ! गुस्से से उनका चेहरा तमतमा उठा था !
चौधरी जी के दो बच्चे थे बड़ी बेटी श्रेया और छोटा बेटा सुमित ! श्रेया परास्नातक अंतिम वर्ष में थी और सुमित स्नातक अंतिम वर्ष में ! इंजीनियर का बेटा एवं छोटा होने के कारण सुमित लाढ प्यार में बिगड़ गया था हालाँकि श्रेया भी फैशन एवं शौक बहुत रखती थी किन्तु वह सुमित की तरह अय्याश नहीं थी ! आज उसका परास्नातक का अंतिम पेपर था एवं कॉलेज में ही सीढ़ियों से उतरते समय वो लड़खड़ा गयी जिससे उसके पैर में हल्की सी मोच आ गयी ! राहुल ( जो उसका जूनियर था और उसको दीदी बोलता था और बहन की तरह मानता भी था ) के साथ घर आ रही थी तभी चाचा और चौधरी जी की नजर उस पर पड़ी और हंगामा खड़ा हो गया ! चौधरी जी को सच पता नहीं था !! इधर जैसे ही चौधरी जी गुस्से में घर पहुंचे ..श्रेया और सुमित ने अपनी अपनी फरमाइशें रख दी …सुमित बोला पापा मुझे IAS की तैयारी करने दिल्ली जाना है और श्रेया ने कहा पापा मैं एमफिल करना चाहती हूँ …लेकिन श्रेया चौधरी जी के गुस्से से बिलकुल अंजान थी ! उसके इतना कहने पर चौधरी जी उस पर बरस पड़े … उन्हें खुद नहीं पता था कि वो क्या कहे जा रहे हैं … मां ने जब पूछा कि आखिर उसकी गलती क्या है ..तो बोले की सडकों पर लड़कों के साथ घूमती है ..मेरी इज्जत तार तार कर दी .इसको आगे पढ़ने से अच्छा है इसका मुंह जल्दी से काला कर दो … श्रेया को बहुत बड़ा धक्का लगा ..जिन पर वो इतना ज्यादा भरोसा करती है उनको जरा भी यकीन नहीं है अपनी बेटी पर …… श्रेया के आंसू भर आये …और भरे हुए गले से बोली ..पापा जरा सा तो यकीन कर लिया होता … एक बार सच जानने की कोशिश तो की होती …और इतना कहकर वो ऊपर अपने कमरे में चली गयी …..!
कमरे में अपने पापा की बातों को याद करके बार बार रोती रही और रोते रोते जाने कब उसे नींद आ गयी … ! मां ने जब सच्चाई बताई तो चौधरी जी को अपने किये पर पछतावा हुआ …..अगली सुबह श्रेया देर से उठी और उस दिन भी उसने न तो खाना खाया और न ही किसी से बात की …सबने बहुत मनाया और माफ़ी मांगी पर पता नहीं इस बार जख्म कुछ गहरे थे वो बार बार पापा की बातों को याद करके रो रही थी ! मम्मी पापा ने सोचा कि धीरे धीरे सब ठीक हो जायेगा अभी गुस्सा है लेकिन ऐसा नहीं हुआ
कहते हैं न “””” कि जीभ में लगे जख्म जल्दी ठीक हो जाते है लेकिन जीभ से लगे जख्मों को भरने में बहुत समय लगता है “””
कुछ यूँ ही श्रेया के साथ भी हुआ… अगले दिन एमफिल के आवेदन की अंतिम तिथि थी लेकिन श्रेया ने आवेदन नहीं किया .उसे इस बात का दर्द था की किसी ने उससे एक बार भी नहीं कहा की बेटी तू पढ़ ….अब श्रेया खाना तो खाने लगी थी पर उसका स्वभाव बहुत बदल गया था … अगली सुबह सुमित दिल्ली जाने के लिए तैयार हो गया और उसे आशीर्वाद देते समय पापा इतने खुश थे जैसे वह IAS बनने नहीं बनकर जा रहा हो ! .. .. बस श्रेया ने भी फैसला कर लिया की अगर IAS इतनी अच्छी चीज है जो उसका खोया हुआ आत्मसम्मान वापस दिला सकती है तो वह IAS बनकर दिखाएगी …! पर कैसे ..? ..इसके बारे में उसे कुछ नहीं पता था …पर भरोसा था उसे अपनी जिद पर …!
उसने इंटरनेट में खोजना शुरू किया … थोड़ा मिला तो और रूचि जगी … इस थोड़ा थोड़ा करके उसने IAS बनने के बारे में सबकुछ पता कर लिया …जाने कितनी websites और पेज सर्च किये …और तीन दिन में उसे सब कुछ मालूम चल गया की इसका पाठ्यक्रम कैसा है ..? .. कैसे पेपर आते हैं ..? ..पेपर में किस प्रकार के प्रश्न आते हैं ..? .. फॉर्म कब निकलते हैं आदि आदि …. अभी जुलाई चल रहा था और उसे पता था की पेपर जूून में होगा यानि उसके पास लगभग 11 माह का समय है …websites के माध्यम से उसने बुक लिस्ट तैयार करी ..कि आखिर उसे कितनी बुक्स की जरुरत पड़ेगी ..? …पर सवाल था की बुक्स कौन लेकर आये …? क्योंकि वह बाहर नहीं जाना चाहती थी ..इसके लिए उसने न्यूज़ पेपर लाने वाले लड़के चंदू को चुना ..क्योकि ज्यादातर पेपर के लिए श्रेया ही गेट खोलती थी … उसने चंदू को लिस्ट थमा दी और बोली की ये बुक्स तू ले आ तो तुझे 100 का दूंगी पर हाँ किसी को पता न चलने पाये एक एक करके ही लाना ..चंदू खुश हो गया…..!!
उसदिन श्रेया ने अपना सारी दिनचर्या व्यवस्थित कर ली ..किस समय क्या क्या करना है सब फिक्स हो गया … अगली सुबह एक नयी सुबह थी … हर दिन 7 या 8 बजे उठने वाली श्रेया आज 4 बजे ही उठ गयी थी ..सारे काम जल्दी जल्दी ख़त्म करके … लॉन में पढ़ाई के लिए बैठ गयी ..पापा ऑफिस चले गये थे और मां काम में लगी हुई थी … घर वालों को उसके बदले हुए स्वभाव का अहसास हो गया था …शाम में पापा के वापस आने पर मां ने उनसे जिक्र किया ..कि अपनी बेटी अब सुधर गयी है …..पहले गर्मियों में दोस्तों के साथ बाहर घूमने जाया करती थी .., पर इस बार …..इतना कहकर उनका गला भर आया ….. !! …श्रेया के लिए अब शादी , पार्टी , पिकनिक आदि के मायने खत्म हो गए थे ….
समय बीतता गया और श्रेया भी दिन रात मेहनत करती रही ….आखिर वह दिन भी आ गया जिस दिन उसकी प्रारंभिक परीक्षा थी …श्रेया ने मां से कहा आज एक फ्रेंड की पार्टी है मुझे जाना है …. मम्मी ने उसे नहीं रोका क्योंकि 11 महीने में पहली बार वह घर से बाहर निकल रही थी …उसने प्रारंभिक परीक्षा दी .. और घर आकर फिर दुगनी तेजी से मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट गयी … कुछ दिनों बाद प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम आया सुमित ने फ़ोन करके घर बताया कि उसने प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली है …. मम्मी पापा के खुशियों का ठिकाना नहीं रहा .. पास तो श्रेया भी थी पर उसने किसी को नहीं बताया था कि वह UPSC की तैयारी भी कर रही है !
कुछ दिनों बाद मुख्य परीक्षा भी आ गयी फिर श्रेया ने कुछ बहाने बनाकर मुख्य परीक्षा दी … और फिर से तैयारी में जुट गयी …. मुख्य परीक्षा का परिणाम आया और इस बार भी श्रेया पास हुई पर सुमित पास नहीं हुआ था उसे अपनी ख़ुशी से ज्यादा अपने भाई का दुःख था ….. श्रेया ने इंटरव्यू की तैयारी की और उसका इंटरव्यू भी अच्छा गया ….. अब वह अंतिम परिणाम की प्रतीक्षा करने लगी और वो दिन भी आ गया जिस दिन उसका अंतिम परिणाम आना था ….. श्रेया ने जल्दी ही सारे काम खत्म किये और लैपटॉप खोलकर बैठ गयी ….पर रिजल्ट में अभी भी coming soon ही शो हो रहा था ..वह निराश हो गयी और एक उपन्यास पढ़ने लगी …पढ़ने में इतना तल्लीन हो गयी की समय का पता ही नहीं चला और तभी उसकी दोस्त दिव्या का फ़ोन आया …श्रेया तूने अपना रिजल्ट देखा …? …मैं तो सेलेक्ट हो गयी हूँ …श्रेया बोली मैं देख के बताती हूँ … श्रेया को बहुत डर लग रहा था …धडकने बढ़ गयी थी …उसने वेबसाइट खोली और लिस्ट चेक करने लगी ….उसने ऊपर से 50 नंबर तक देखा पर उसका नाम नहीं था ….वो बहुत डर गयी .. अब वह नीचे से देखने लगी … नीचे से ऊपर आते समय 73 नंबर पर उसने अपना रोल नंबर देखा ..एक बार फिर मिलाया …फिर कई बार मिलाया उसे यकीन नहीं हो रहा था ….
उसने तुरंत फेसबुक प्रोफाइल खोली और 10 माह बाद अपडेट किया …..””” Finaly I am Selected In UPSC with 73 rank “” .. और उसपर उसकी फ्रेंड्स का massage आया ….. गुड जोक और दूसरे का कि अच्छा मजाक है तेरे बस की बात नहीं ….. और एक का आया कि मुझे यकीन था कि तू एक दिन बनेगी .श्रेया के सामने उसके सपनों की दुनिया पंख फैलाए खड़ी थी
सुमित ने पोस्ट पढ़ी और तुरंत पापा को घर फ़ोन किया …. चौधरी जी को अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था ..वो दौड़ कर ऊपर श्रेया के कमरे में पहुंचे …. श्रेया कि आँखों में उन जख्मों का दर्द साफ झलक रहा था जो चौधरी जी ने उसे बहुत पहले दिए थे …चौधरी जी ने उसे गले से लगा लिया …और दोनों फफक फफक कर रो पड़े …. दोनों कि आँखे बरस रही थी ..बस फर्क इतना था कि एक कि आँखों में प्रायश्चित के आंसू थे तो दूसरे की आँखों में आत्मसम्मान के ….!!!!
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Such a pleasant story..
ReplyDeleteBahut bahut Achi lgi
ReplyDeleteSuper
ReplyDeleteWonderful👌👌👌👌 and inspirational story❤️❤️❤️❤️❤️❤️
ReplyDeleteThis line is a very motivated for upsc student and help full
ReplyDeleteVery inspiring
ReplyDeleteMasha allah khoob isi trah tarakki krte raho
ReplyDeleteThis post inspire me to do hard work and become upsc
ReplyDeleteThis tpye of struggle I'm never seen before. I read complete ur journey for upsc. It's realiable
ReplyDeleteGreat
ReplyDeleteBhut badiya khani hai mujy bi ias banna h 😞😞😞
ReplyDeleteSuperb andar aag laga di......
ReplyDeleteDil pe lag gayi ye story
ReplyDeleteVery very motivational story for every student, really this story is encouraging women's and her dreams and it's a very awesome story. ... thanks for this story ✌✌
ReplyDeleteFull motivational story 👌
ReplyDeleteVery motivational story I am also preparing upsc exam
ReplyDeleteVery nice story,I am also preparing UPSC exam.
ReplyDeleteMotivation story for everyone Student
ReplyDeleteHeart touching story Kaas m b bhi ips ban pati
ReplyDeleteI have no word for her mam
ReplyDeleteBabu kumar Gouda
ReplyDeleteIt's a best motivational story ever
Shreya chaudhry...is it real name or fictional....but bahut hin inspired story hai....mai bi kuch ye sa kar na chat hun aur ek din karunga bhi
Very intresting
ReplyDeleteGreat story!
ReplyDeleteMai apne aap ko pura padhe bina rok nhi paya,,such a inspirational story
Excellent very nice
ReplyDelete,
Great sister
ReplyDeleteMene bhi aapki trah constable ka exam diya hai ,ghr pe kisi ko pta nhi tha ki yh constable ki teyari kar rha hi
Bhagwan kare mera bhi aapki tarah accha result mile
Proud of you sister♥️♥️👮👮👮👮👮
क्या ये कहानी है या सच में हकीकत है
ReplyDeleteThis story was wonderful story.
ReplyDeleteStory achi h but asa story me hi hota h
ReplyDeleteAmazing story of shreya mam
ReplyDeleteIt's inspired me
ReplyDeleteI salute woman's strength.
ReplyDeleteThis post is motivate me.
ReplyDeleteHeart touching &very inspirational story ❤
ReplyDelete😊😊😊
ReplyDeleteBahut hi umdah
ReplyDeleteSo emotional story
It,s really ammeaging story ,I proud girls
ReplyDeleteYour story inspire me sreya mam,,today it is really belive that nothing is impossible
ReplyDeleteSuper se bhi upar lage
ReplyDeleteThe story is very nice. Honestly
ReplyDeleteThe girl truley examples of a patience ; courage ; self confidence three things use everyone our life get to the success.
ReplyDeleteबहुत ही शानदार ओर जानदार प्रेरित करनी वाली कहानी
ReplyDeleteTruly an inspirational story, really carried away.....
ReplyDeleteIT is very motivational
ReplyDeleteYe story itni achhi hai ki iske tarif Ke Liye mere pass Shabd hi nahin hai lekin han isase Har Kisi Ka Sikh leni chahie dhanyvad Dil Se
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteKya ye story real h......
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