UPSC. यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन. संघ लोक सेवा आयोग. हर साल परीक्षा करवाता है. जिसे बोलचाल की भाषा में सिविल सर्विस एग्जाम कहा जाता है. 2019 में हुई परीक्षा के रिजल्ट अभी आए हैं. और हर साल की तरह इस बार भी टॉप करने वाले, अच्छी रैंक लाने वाले लोग खबरों में छाये हुए हैं. लेकिन ये रैंक डिसाइड कैसे होती है UPSC में? कौन-सी रैंक वाले को IAS बनने को मिलता है. कौन से वाले IPS बनते हैं? क्या कोई ख़ास रैंक पहले से तय होती है कि इस रैंक तक वाले को IAS या IFS बनने को मिलेगा? IAS या IPS की रैंकिंग खुद से ही देख लो । नीचे 2019 ,2018,2017 में सिलेक्टेड कैंडिडेट्स की रैंकिंग है। जिनसे आप खुद जान पाओगे के आप की कैटेगरी में कितनी रैंकिंग चाहिए होती हैं। जिस भी साल के कैंडिडेट्स की रैंकिंग देखना चाहते हो। उस पर क्लिक कर देख लो रैंकिंग कैसे तय होती है? ये सबसे पहले तो वैकेंसी पर निर्भर करता है. कि उस साल कितनी वैकेंसीज़ निकली हैं किसी पोस्ट के लिए. और अलग-अलग कैटेगरी में लोगों ने कौन-सा ऑप्शन चुना है. कैटेगरी का मतलब जनरल, SC,ST,OBC, EW...
IAS या IPS बनने के लिए सिर्फ UPSC परीक्षा पास करना ही जरूरी नहीं होता है। PRE, MAINS परीक्षा पास करने के बाद सबसे बड़ी लड़ाई एक कैंडिडेट को इंटरव्यू में ही लड़नी होती है। इंटरव्यू में बहुत से कैंडिडेट फेल हो जाते हैं। प्रशासनिक परीक्षा इस बात की वजह से और भी मुश्किल लगती है। हालांकि, यह चुनौतीपूर्ण है लेकिन कैंडिडेट पहले से ही IAS Prelims और IAS मेन्स परीक्षा से गुजर चुके होते हैं तो ये ज्यादा मुश्किल नहीं होना चाहिए। दोस्तों, सिविल सेवा के इंटरव्यू के सवाल काफी चर्चा में रहते हैं। कहा जाता है कि यहां कैंडिडेट्स से कुछ भी पूछा जा सकता है ये परीक्षा पास करने में अच्छे -अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। पर डर कैसा अगर तैयारी अच्छे से हो जाए तो। इंटरव्यू की तैयारी भी दमदार तरीके से करनी चाहिए। इसलिए हम आज कुछ ऐसे सवाल बता रहे हैं जो अब की बार इंटरव्यू में पूछे जाने की संभावना है। दोस्तो आजकल आप सब सोशल मीडिया पर या किसी वीडियो में देखते होंगे आपके पास ऐसे सवाल आते होंगे जो नॉर्मल हो और कोई भी सॉल्व के कर दे जैसे की - सवाल #1 आप...
5 मिनट का समय निकालकर पढ़िएगा जरुर आपके सोचने का नजरिया बदल जाएगा..... . गली के कोने पर चाय की दुकान अड्डा थी चौधरी जी एवं खान चाचा की राजनीतिक एवं धार्मिक चर्चा की .जहाँ दोनों दिन भर के काम से थके हारे अपना अनुभव साझा करते थे और थोड़ी हंसी मजाक के बाद घर लौट जाते थे ! चौधरी जी जहाँ लोक निर्माण विभाग में इंजीनियर थे वही खान चाचा इण्टर कॉलेज में प्राध्यापक ! दोनों रोज की तरह ही चर्चा में लगे हुए थे तभी अचानक खान चाचा ने चौधरी जी का ध्यान खींचते हुए कहा चौधरी जी ये तो अपना सुमित है ना ? चौधरी जी ने नजर दौड़ाई तो उनका बेटा सुमित किसी लड़की के साथ बाइक पर तेजी से चला जा रहा था और वह लड़की भी इतनी अभद्र अवस्था में बैठी हुई थी कि चौधरी जी को भी शर्म आ गयी ! लेकिन अगले ही पल अपनी झेंप को मिटाते हुए चौधरी जी ने कटाक्ष किया कि चाचा …चौधरियों का खून है .. गर्म तो होगा ही और ये उम्र भी ऐसी होती ही है ..इस बात पर दोनों ठहाके लगाकर हंस पड़े ….पर कुछ देर बाद सामने से ही चौधरी जी की बेटी किसी लड़के के साथ बाइक पर घर की तरफ जा रही थी हालाँकि यह बहुत ही सभ्य अवस्था में बैठी थी ..पर थी तो लड़की न ? ...
Comments
Post a Comment